Sunday, 5 March 2017

हरियाणा की नई आबकारी नीति जारी, टैक्‍स सिस्‍टम में होगा सुधार


जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने रविवार को यहां वर्ष 2017-18 के लिए राज्‍य सरकार की आबकारी नीति की घोषणा की। उन्‍होंने कहा कि राज्यों में शराब और पेट्रो पदार्थों को जीएसटी से बाहर किया गया है। आबकारी नीति में 30 जून तक वर्तमान वैट दरें लागू रहेंगी और उसके बाद जीएसटी के अनुरूप इन पर भी टैक्‍स कर दिया जाएगा। उन्‍होंने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जीएसटी में 'गुड एंड
सर्विसेज टैक्स' की जो व्यवस्था की गई है वह अन्‍य राज्यों से बेहतर है। उन्‍होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हाइवे से 500 मीटर की दूरी पर शराब के ठेके के आदेश का हरियाणा सरकार स्वागत करती है। उन्‍होंने कहा कि 2017-18 की नई आबकारी नीति के तहत शराब ठेकों की संख्या 3500 रखी गई है। यह संख्‍या पहले भी इतनी ही थी। इसके साथ ही शराब ठेकाें के लिए ग्रुप सिस्‍टम लागू किया गया है। इसक तहत छह शराब के ठेके एक ग्रुप में आएंगे। पूरे हरियाणा में शराब के ठेकेदार अपने ठेके में देसी और अंग्रेजी दोनों तरह के शराब रख सकेंगे। शहरी क्षेत्र में ठेकेदार मंजूरी लेकर दो सब ठेके खोल सकेंगे। कैप्‍टन अभिमन्‍यु ने कहा कि कोई पंचायत अगर अपने क्षेत्र में शराब ठेका नहीं खुलने देना चाहेगी तो वहां ठेका नहीं खुलेगा। इस बार राज्‍य में 185 ग्राम पंचायतों में शराब ठेके नहीं खुलेंगे। हाइवे पर शराब के ठेके नहीं होने खोलने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनज़र सरकार ने कानूनी राय ली है। बार और पब इस फैसले के अधीन नहीं आते हैं। उन्‍होंने कहा कि एक हजार से ऊपर की शराब खरीदने पर उसका बिल देना जरूरी होगा। इससे कम की शराब पर भी ग्राहक के मांगने पर दुकानदार को बिल देना होगा। कैप्‍टन ने कहा कि पिछले दो साल में अवैध शराब की बिक्री पर उचित कारवाई की गई है। आबकारी एवं कराधान विभाग के तहत एन्फोर्समेंट विंग काम करे इसका भी नीति में प्रावधान किया गया है। कैप्‍टन अभिमन्‍यू ने कहा कि पिछले तीन -चार साल में विदेशी शराब की बिक्री से 20 से 30 करोड़ का राजस्‍व मिला है। इसे बढ़ाने के लिए विदेशी शराब के लिए सिंगल पॉइंट बनाया जाएगा। इससे प्राप्‍त होने वाला राजस्‍व 100 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। उन्‍होंने बताया कि आबकारी नीति बनाने से पहले अधिकारियों की टीम कई राज्यों में गई और स्टाक धारकों से भी चर्चा। इसके बाद काफी विचार-विमर्श के बाद आबकारी नीति बनाई गई। उन्‍होंने कहा कि शराब के कोटे को नहीं बढ़ाया गया है। राजस्व में बढ़ोतरी के मद्देनजर नई आबकारी नीति बनाई गई है। इस वर्ष 31 मार्च तक का लक्ष्य करीब 4900 करोड़ है। अगले वर्ष इसमें 600-700 करोड़ की बढ़ोतरी की उम्‍मीद है।

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