हरियाणा राज्य के विभिन्न जिलों में असिस्टेंट प्रोफेसर्स(फिजिकल
एजुकेशन) की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब एंड
हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा पब्लिक सॢवस कमीशन को 25 लाख रुपए कॉस्ट डालते
हुए संबंधित नियुक्तियां खारिज किए जाने के आदेश जारी किए हैं। वहीं मामले
मेें प्रतिवादी के रुप में प्रत्येक असिस्टेंट प्रोफेसर को भी 25-25 हजार
रुपए हर्जाना भरने के आदेश दिए हैं। मामले में नियुक्तियों के संबंध में
जांच भी शुरु करने के आदेश दिए गए हैं। फिलहाल हाईकोर्ट जस्टिस पी.बी. बजंतरी की कोर्ट की तरफ से विस्तृत आदेश नहीं आए हैं।
मामले में याचिकाकत्र्ता कुलदीप नारा ने हरियाणा पब्लिक सॢवस कमीशन,
हरियाणा सरकार, गर्वमेंट
पोस्ट गै्रजुएट कॉलेज, गोहाना में असिस्टेंट प्रोफेसर राजेश कुमार, गर्वमेंट वूमेन कॉलेज, सांपला, में असिस्टेंट प्रोफेसर राजेश कुमार, गर्वमेंट कॉलेज, बहादुरगढ़ में असिस्टेंट प्रोफे सर ज्योति सोलंकी, गर्वमेंट कॉलेज, नाहर में असिस्टेंट प्रोफेसर हरि प्रकाश, गर्वमेंट कॉलेज, पानीपत में असिस्टेंट प्रोफेसर डेजी रानी व गर्वमेंट कॉलेज फॉर वूमेन, भिवानी में असिस्टेंट प्रोफे सर मिनाक्षी को पार्टी बनाते हुए संबंधित याचिका दायर की थी। याचि पक्ष की तरफ से केस की पैरवी करते हुए एडवोकेट सुनील कुमार नेहरा ने संबंधित नियुक्तियों के संबंध में सुनाए गए नतीजे समेत असिस्टेंट प्रोफेसर के रुप में निजी प्रतिवादियों के चयन को खारिज किए जाने की मांग की थी। जिसके पीछे अनियमितताएं बरते जाने की मांग की गई थी। कहा गया था कि निजी प्रतिवादी इंटरव्यू में बुलाए जाने के योग्य नहीं थे। ऐसे में मांग की गई कि प्रतिवादियों के आगे वाले 6 कैं डिडेट्स को मैरिट में शामिल कर नियुक्तियां दी जाए। वहीं याचि को भी परिणामी लाभ प्रदान किए जाए। वहीं प्रतिवादी पक्ष को आदेश दिए जाए कि चयनित कैंडीडेट्स के व्यक्तिगत अंक पेश किए जाए। संबंधित याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश दिए गए हैं।
पोस्ट गै्रजुएट कॉलेज, गोहाना में असिस्टेंट प्रोफेसर राजेश कुमार, गर्वमेंट वूमेन कॉलेज, सांपला, में असिस्टेंट प्रोफेसर राजेश कुमार, गर्वमेंट कॉलेज, बहादुरगढ़ में असिस्टेंट प्रोफे सर ज्योति सोलंकी, गर्वमेंट कॉलेज, नाहर में असिस्टेंट प्रोफेसर हरि प्रकाश, गर्वमेंट कॉलेज, पानीपत में असिस्टेंट प्रोफेसर डेजी रानी व गर्वमेंट कॉलेज फॉर वूमेन, भिवानी में असिस्टेंट प्रोफे सर मिनाक्षी को पार्टी बनाते हुए संबंधित याचिका दायर की थी। याचि पक्ष की तरफ से केस की पैरवी करते हुए एडवोकेट सुनील कुमार नेहरा ने संबंधित नियुक्तियों के संबंध में सुनाए गए नतीजे समेत असिस्टेंट प्रोफेसर के रुप में निजी प्रतिवादियों के चयन को खारिज किए जाने की मांग की थी। जिसके पीछे अनियमितताएं बरते जाने की मांग की गई थी। कहा गया था कि निजी प्रतिवादी इंटरव्यू में बुलाए जाने के योग्य नहीं थे। ऐसे में मांग की गई कि प्रतिवादियों के आगे वाले 6 कैं डिडेट्स को मैरिट में शामिल कर नियुक्तियां दी जाए। वहीं याचि को भी परिणामी लाभ प्रदान किए जाए। वहीं प्रतिवादी पक्ष को आदेश दिए जाए कि चयनित कैंडीडेट्स के व्यक्तिगत अंक पेश किए जाए। संबंधित याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश दिए गए हैं।
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