क्लर्क ग्रेड परीक्षा के परिणाम पर फैसला अगले सप्ताह ले लिया जाएगा।
परीक्षा के दौरान आंसर की लीक होने की जांच स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम
(एसआईटी) को सौंप दी गई थी। इस फैसले से प्रदेश भर के छह लाख से अधिक
उम्मीदवार राहत की सांस लेंगे। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) की ओर
से विभिन्न विभागों में 6200 क्लर्कों की नियुक्ति के लिए आठ चरणों में
परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन 11 नवंबर को
आयोजित परीक्षा के दौरान आंसर की लीक होने का मामला सामने आने के बाद एचएसएससी ने परीक्षा परिणाम को रोक दिया।
आयोजित परीक्षा के दौरान आंसर की लीक होने का मामला सामने आने के बाद एचएसएससी ने परीक्षा परिणाम को रोक दिया।
इस मामले की जांच के लिए पुलिस की एसआईटी गठित की गई, लेकिन परीक्षा के
साढ़े चार महीने बाद भी एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी, जिस कारण देरी
हो रही है।क्लर्क पदों पर नियुक्ति के लिए करीब 11 लाख उम्मीदवारों ने
आवेदन भरे थे, जबकि 6 लाख से अधिक परीक्षा में शामिल हुए।
आंसर की लीक मामले में आयोग के कुछ कर्मियों की मिलीभगत के आरोप लगने के बाद एचएसएससी ने भी मामले की विभागीय जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी। आयोग का कहना है कि चूंकि इस परीक्षा में लाखों उम्मीदवार शामिल हुए, इसलिए मामले की जांच में लंबा वक्त लग रहा है।
इस मामले में एसआईटी की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। इसका मिलान आयोग की रिपोर्ट के साथ करने के बाद परीक्षा परिणाम संबंधी निर्णय लिया जाएगा। अप्रैल के पहले सप्ताह में इस पर फैसला ले लिया जाएगा। :- डॉ. भारत भूषण भारती, चेयरमैन, एचएसएससी
आंसर की लीक मामले में आयोग के कुछ कर्मियों की मिलीभगत के आरोप लगने के बाद एचएसएससी ने भी मामले की विभागीय जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी। आयोग का कहना है कि चूंकि इस परीक्षा में लाखों उम्मीदवार शामिल हुए, इसलिए मामले की जांच में लंबा वक्त लग रहा है।
इस मामले में एसआईटी की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। इसका मिलान आयोग की रिपोर्ट के साथ करने के बाद परीक्षा परिणाम संबंधी निर्णय लिया जाएगा। अप्रैल के पहले सप्ताह में इस पर फैसला ले लिया जाएगा। :- डॉ. भारत भूषण भारती, चेयरमैन, एचएसएससी
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