जाट आरक्षण के बाद गेस्ट टीचर भी सरकार की नींद हराम करने की तैयारी में है ।
गेस्ट टीचर अपनी मांगों को लेकर जल्द ही एक बड़े आंदोलन की तैयारी में है ।
अगर सरकार समय रहते नहीं चेती तो सरकार को गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे ।
जाट आरक्षण की आग अभी तक सरकार के लिए सिरदर्द बनी हुई है ।
गेस्ट टीचर भी जल्द ही अपनी मांगों को लेकर सरकार के लिए मुश्किलें पैदा करने की तैयारी में है ।
इसकी शुरुआत जींद में गेस्ट टीचरों ने एक गुप्त मीटिंग करके सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजाने का निर्णय ले लिया है ।
सबसे पहले चेतावनी के तौर पर अतिथि अध्यापक सभी 90 विधायकों को 26 फरवरी को ज्ञापन
सोपेंगे ।
वहीं आखिरी चेतावनी के रूप में अपनी मांगों को लेकर 2 मार्च को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को ज्ञापन सोपा जाएगा ।
सरकार ने इस दौरान अतिथि अध्यापकों की मांगों को पूरा नहीं किया तो मार्च में एक बड़े आंदोलन का ऐलान करेंगे ।
इस बार अतिथि अध्यापक आरपार की लड़ाई लड़ने के मूड में है क्योंकि भाजपा पार्टी ने सत्ता में आने से पहले गेस्ट टीचरों से पहली कलम से नियमित करने का वायदा किया था लेकिन सरकार को बने हुए ढाई साल का समय बीत गया और आज तक अतीथी अध्यापकों की कोई सुध नहीं ली ।
अतिथी अध्यापकों के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री ने बताया कि सरकार ने अभी तक गेस्ट टीचरों की कोई भी मांग पूरी नहीं की है । इसलिए जींद में एक बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाई गई है ।
सरकार फिर भी नहीं चेती तो हम आगामी रणनीति बनाकर आगे की लड़ाई लड़ेंगे ।
बीजेपी ने चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में व शिक्षा मंत्री ने पहली कलम से गेस्ट टीचरों को नियमित करने का वायदा किया था और साथ ही 8 सालों का एरियर भी देने का वायदा किया था । लेकिन ढाई साल बाद भी सरकार ने नियमित करना तो दूर समान काम समान वेतन तक नहीं दिया है ।
सरकार तुरन्त प्रभाव से गेस्ट टीचरों से किया अपना वायदा निभाए अन्यथा गेस्ट टीचर आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर होंगे ।
गेस्ट टीचर अपनी मांगों को लेकर जल्द ही एक बड़े आंदोलन की तैयारी में है ।
अगर सरकार समय रहते नहीं चेती तो सरकार को गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे ।
जाट आरक्षण की आग अभी तक सरकार के लिए सिरदर्द बनी हुई है ।
गेस्ट टीचर भी जल्द ही अपनी मांगों को लेकर सरकार के लिए मुश्किलें पैदा करने की तैयारी में है ।
इसकी शुरुआत जींद में गेस्ट टीचरों ने एक गुप्त मीटिंग करके सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजाने का निर्णय ले लिया है ।
सबसे पहले चेतावनी के तौर पर अतिथि अध्यापक सभी 90 विधायकों को 26 फरवरी को ज्ञापन
सोपेंगे ।
वहीं आखिरी चेतावनी के रूप में अपनी मांगों को लेकर 2 मार्च को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को ज्ञापन सोपा जाएगा ।
सरकार ने इस दौरान अतिथि अध्यापकों की मांगों को पूरा नहीं किया तो मार्च में एक बड़े आंदोलन का ऐलान करेंगे ।
इस बार अतिथि अध्यापक आरपार की लड़ाई लड़ने के मूड में है क्योंकि भाजपा पार्टी ने सत्ता में आने से पहले गेस्ट टीचरों से पहली कलम से नियमित करने का वायदा किया था लेकिन सरकार को बने हुए ढाई साल का समय बीत गया और आज तक अतीथी अध्यापकों की कोई सुध नहीं ली ।
अतिथी अध्यापकों के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री ने बताया कि सरकार ने अभी तक गेस्ट टीचरों की कोई भी मांग पूरी नहीं की है । इसलिए जींद में एक बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाई गई है ।
सरकार फिर भी नहीं चेती तो हम आगामी रणनीति बनाकर आगे की लड़ाई लड़ेंगे ।
बीजेपी ने चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में व शिक्षा मंत्री ने पहली कलम से गेस्ट टीचरों को नियमित करने का वायदा किया था और साथ ही 8 सालों का एरियर भी देने का वायदा किया था । लेकिन ढाई साल बाद भी सरकार ने नियमित करना तो दूर समान काम समान वेतन तक नहीं दिया है ।
सरकार तुरन्त प्रभाव से गेस्ट टीचरों से किया अपना वायदा निभाए अन्यथा गेस्ट टीचर आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर होंगे ।
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