Tuesday 19 January 2016

Punjab Haryana High Court (PHHC):शिक्षकों की नियमित भर्ती न होने पर प्रधान सचिव काे अवमानना नोटिस

जागरण संवाददाता चंडीगढ़। हरियाणा में टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) के रिक्त पदों पर नियमित भर्ती न किए जाने पर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा रुख दिखाया है। हाई कोर्ट ने इस संबंध में आदेश का पालन नहीं करने पर राज्य के शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव केसनी आनंद अरोड़ा के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट ने 15 सितंबर 2015 को टीजीटी कैडर के सभी रिक्त पदों पर नियमित भर्ती करने का अादेश दिया था। मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस आदेश का अनुपालना न करने पर अवमानना का नोटिस जारी किया। हाई कोर्ट ने 10 दिन में इस पर जवाब तलब किया है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट की जस्टिस अमित रावल की पीठ ने 15 सितंबर 2015 को हरियाणा सरकार व शिक्षा विभाग को टीजीटी कैडर के पंजाबी, उर्दू, डीपीई व अंग्रेजी भाषा के शिक्षकों के सभी स्वीकृत रिक्त पदों पर नियमित भर्ती करने का आदेश दिया था। लेकिन, चार माह से भी ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद शिक्षा विभाग ने अभी
तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। इस पर फतेहाबाद निवासी अरविंद सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है। मंगलवार को मामले में याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता जगबीर मलिक ने कहा कि हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया था कि टीजीटी कैडर में पंजाबी,अंग्रेजी,डीपीई आदि के स्वीकृत पदों में से रिक्त बचे सभी पदों पर नियमित भर्ती की जाए। आदेश में यह भी साफ किया गया था कि टीजीटी अंग्रेजी के कुल 5815 स्वीकृत पदों में से विज्ञापित 1035 पदों के अलावा शेष बचे रिक्त पदों पर भी रेगुलर भर्ती की जाए। उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग ने टीजीटी अंग्रेजी के 5815 स्वीकृत पदों में से सिर्फ 1035 पदों पर ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। अधिवक्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि वर्ष 2011 में टीजीटी पंजाबी एचटेट पास कर चुके कई याचिकाकर्ताओं के प्रमाणपत्र की वैधता की अवधि इस वर्ष 2016 में समाप्त हो जाएगी और फ़रवरी व मार्च माह में उनकी आयु भी 42 साल की हो जाएगी यानि वो ओवरएज भी हो जाएंगे। इसके साथ ही वे भविष्य में आवेदन करने के योग्य ही नहीं रहेंगे। उन्होेंने कहा कि हरियाणा सरकार ने पिछले 8-10 साल में नियमित टीजीटी पंजाबी भाषा शिक्षकों की भर्ती का कोई विज्ञापन ही जारी नहीं किया है जबकि ये पद लंबे समय से रिक्त पड़े है। प्रदेश में पंजाबी को दूसरी भाषा का दर्जा भी दिया गया है लेकिन पंजाबी भाषा शिक्षकों के अभाव में बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इस पर हाईकोर्ट की जस्टिस राकेश कुमार जैन की पीठ ने कड़ा रुख अपनाते हुए शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव को अवमानना का नोटिस जारी कर दिया। इस मामले पर अगली सुनवाई 29 जनवरी को निर्धारित की गई है।

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