Sunday, 31 January 2016

करें दर्शन मनोकामना पूर्ण करने वाले गणेश मंदिर के

मनोकामना पूर्ण करने वाले इस गणेश मंदिर के
साथ ही आप सारे
दक्षिण भारत का प्रसिद्ध पहाड़ी किला मंदिर तमिलनाडु
राज्य के त्रिची शहर के मध्य पहाड़ के शिखर पर स्थित है। चैल
राजाओं द्वारा चट्टानों को काटकर इस मंदिर का निर्माण
किया गया। जहां भगवान श्री गणेश का मंदिर है। पहाड़ के


शिखर पर विराजमान होने के कारण गणेश जी को उच्ची
पिल्लैयार कहते हैं। यहां आने वाले दर्शनार्थी मंदिर में दर्शन करने
के साथ ही सारे त्रिची शहर की सुन्दरता देख आनन्द का अनुभव
करते हैं।
दर्शनार्थियों को पूर्वमुखी गणेश जी के दर्शन करने के लिए
दक्षिण दिशा से 417 सीढि़यां चढ़नी पड़ती हैं। सीढि़यों से
पहाड़ी के शिखर पर गणेश मंदिर तक पहुंचने के पूर्व पहाड़ी के मध्य
में शिव-पार्वती एवं लक्ष्मी जी के मंदिर भी हैं और इनके अहाते
में कई मण्डप भी बने हुए हैं। इतनी ऊंचाई पर स्थित मंदिर में भक्तों
को पैदल ही जाना होता है, जिसमें खूब थकावट होती है,
लेकिन इसके बाद भी दर्शन के लिए यहां बारहों मास भक्तों का
तांता लगा रहता है।
सामान्यजन के मन में यह प्रश्न उठ सकता है कि आखिर इस मंदिर
में ऐसा क्या आकर्षण है कि, दर्शनार्थी भारी तादाद में इतनी
कठिनाई के बाद भी यहां आते रहते हैं? इसका एकमात्र कारण है
मंदिर की उत्तर दिशा में बहने वाली कावेरी नदी।
वास्तु सिद्धान्त के अनुसार जहां भी उत्तर दिशा में नदी बह
रही हो तो वह स्थान निश्चित ही प्रसिद्धि प्राप्त करता ही
है जैसे, मीनाक्षी मंदिर मदुरै, श्रीरंगनाथ स्वामी मंदिर
श्रीरंगपत्तनतम, कण्ठेश्वरा मंदिर नंजनगुड मैसूर इत्यादि। इसी के
साथ पहाड़ी में दक्षिण दिशा में ज्यादा ऊंचाई है जहां मंदिर
स्थित है और पहाड़ी का ढ़लान उत्तर दिशा में नदी की ओर
फैलाव लिए हुए है। पहाड़ी की यह वास्तुनुकूल भौगोलिक
स्थिति मंदिर की प्रसिद्धि बढ़ाने में सोने पर सुहागे का काम
कर रही है।
इसके अलावा इस मंदिर के शिखर पर जाने का रास्ता है पहाड़
की तलहटी के दक्षिण आग्नेय में है। वास्तुशास्त्र के अनुसार
दक्षिण आग्नेय का द्वार प्रसिद्धि और वैभव बढ़ाने में सहायक
होता है। उत्तर दिशा की उपरोक्त वास्तुनुकूलताओं के कारण
ही दक्षिण भारत का पहाड़ी किला मंदिर प्रसिद्ध है।

No comments:

Post a Comment