गुरुग्राम,(हप्र)
निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस बढ़ोतरी आदि के खिलाफ ऑल इंडिया पेरेंट्स फोरम फॉर एजुकेशन के तत्वावधान में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी अभिभावकों और पुलिस के बीच न सिर्फ तीखी नोंक झोंक हुई बल्कि पुलिस ने कई अभिभावकों की पिटाई भी कर दी। पुलिस अभिभावकों को सिविल लाइन रोड से मंडल कमिश्नर के आवास तक पहुंचने से रोकना चाहती थी। बाद में इन्हें पुलिस की कड़ी निगरानी में
दूसरे रास्ते से मंडल कमिश्नर के आवास तक लाया गया।
अभिभावकों को विरोध प्रदर्शन के लिए प्रशासन ने बकायदा मंजूरी दे रखी। लेकिन रविवार को पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर सिंह का जन्मदिन होने के कारण वह अपने सिविल लाइन रोड स्थित आवास पर ही थे। राव नरबीर और मंडल कमिश्नर के निवास आसपास ही है। प्रदर्शन के लिए फरीदाबाद और गुरुग्राम के हजारों अभिभावक विभिन्न स्लोगन लिखे बैनर व तख्ती लेकर पहुंचे। इतनी बड़ी संख्या में उमड़े प्रदर्शनकारियों को देखकर पुलिस अधिकारियों के पैरों तले की जमीन निकल गई।
नियमानुसार होगी कार्रवाई
कमिश्नर डी सुरेश ने अभिभावकों को आश्वासन दिया कि उन्होंने इस मामले को लेकर पांच मई को एक बैठक बुला रखी है। इस बैठक में सकारात्मक परिणाम निकालने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि फीस बढ़ोरी का मुद्दा वाकई बड़ा है और इसे बातचीत के जरिये निपटाने के प्रयास किए जाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि जो स्कूल नहीं मानेंगे उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। अभिभावकों ने मंडल कमिश्नर से स्कूलों का ऑडिट करवाने की भी मांग की। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल अपनी मर्जी से फीस बढ़ा रहे हैं। इतनी फीस देना उनके बस की बात नहीं है। अब तो बच्चों को पढ़ाना भी मुश्किल हो गया है।
महिलाओं ने लगाया बदसलूकी का आरोप
प्रदर्शनकारी अभिभावक जब सिविल लाइन रोड पर चढ़ने लगे तो पुलिस ने इन्हें यहां रोक लिया और दूसरे रास्ते से जाने के लिए कहा। लेकिन अभिभावक इस बात पर अड़ गए कि उनके पास प्रदर्शन की अनुमति है फिर उन्हें यहां से जाने क्यों नहीं दिया जा रहा। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्ष गर्मा-गर्मी पर उतर आए। इसी रास्ते से मंडल कमिश्नर के आवास तक पहुंचने की जिद पर अड़े अभिभावकों के उपर पुलिस ने हलका बल प्रयोग किया। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने कई अभिभावकों की पिटाई की और सड़क पर बैठे लोगों को मारपीट करके हटाया। आक्रोश रैली पमें पहुंची महिलाओं ने पुलिसकर्मियों पर बदसलूकी का आरोप लगाया। तीखी झड़प के बाद अभिभावक दूसरे रास्ते से जाने के लिए तैयार हुए। इसके बाद कड़ी पुलिस निगरानी में प्रदर्शनकारी मंडल कमिश्नर के आवास पहुंचे। यहां इन्होंने अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन उन्हें सौंपा।
निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस बढ़ोतरी आदि के खिलाफ ऑल इंडिया पेरेंट्स फोरम फॉर एजुकेशन के तत्वावधान में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी अभिभावकों और पुलिस के बीच न सिर्फ तीखी नोंक झोंक हुई बल्कि पुलिस ने कई अभिभावकों की पिटाई भी कर दी। पुलिस अभिभावकों को सिविल लाइन रोड से मंडल कमिश्नर के आवास तक पहुंचने से रोकना चाहती थी। बाद में इन्हें पुलिस की कड़ी निगरानी में
दूसरे रास्ते से मंडल कमिश्नर के आवास तक लाया गया।
अभिभावकों को विरोध प्रदर्शन के लिए प्रशासन ने बकायदा मंजूरी दे रखी। लेकिन रविवार को पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर सिंह का जन्मदिन होने के कारण वह अपने सिविल लाइन रोड स्थित आवास पर ही थे। राव नरबीर और मंडल कमिश्नर के निवास आसपास ही है। प्रदर्शन के लिए फरीदाबाद और गुरुग्राम के हजारों अभिभावक विभिन्न स्लोगन लिखे बैनर व तख्ती लेकर पहुंचे। इतनी बड़ी संख्या में उमड़े प्रदर्शनकारियों को देखकर पुलिस अधिकारियों के पैरों तले की जमीन निकल गई।
नियमानुसार होगी कार्रवाई
कमिश्नर डी सुरेश ने अभिभावकों को आश्वासन दिया कि उन्होंने इस मामले को लेकर पांच मई को एक बैठक बुला रखी है। इस बैठक में सकारात्मक परिणाम निकालने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि फीस बढ़ोरी का मुद्दा वाकई बड़ा है और इसे बातचीत के जरिये निपटाने के प्रयास किए जाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि जो स्कूल नहीं मानेंगे उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। अभिभावकों ने मंडल कमिश्नर से स्कूलों का ऑडिट करवाने की भी मांग की। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल अपनी मर्जी से फीस बढ़ा रहे हैं। इतनी फीस देना उनके बस की बात नहीं है। अब तो बच्चों को पढ़ाना भी मुश्किल हो गया है।
महिलाओं ने लगाया बदसलूकी का आरोप
प्रदर्शनकारी अभिभावक जब सिविल लाइन रोड पर चढ़ने लगे तो पुलिस ने इन्हें यहां रोक लिया और दूसरे रास्ते से जाने के लिए कहा। लेकिन अभिभावक इस बात पर अड़ गए कि उनके पास प्रदर्शन की अनुमति है फिर उन्हें यहां से जाने क्यों नहीं दिया जा रहा। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्ष गर्मा-गर्मी पर उतर आए। इसी रास्ते से मंडल कमिश्नर के आवास तक पहुंचने की जिद पर अड़े अभिभावकों के उपर पुलिस ने हलका बल प्रयोग किया। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने कई अभिभावकों की पिटाई की और सड़क पर बैठे लोगों को मारपीट करके हटाया। आक्रोश रैली पमें पहुंची महिलाओं ने पुलिसकर्मियों पर बदसलूकी का आरोप लगाया। तीखी झड़प के बाद अभिभावक दूसरे रास्ते से जाने के लिए तैयार हुए। इसके बाद कड़ी पुलिस निगरानी में प्रदर्शनकारी मंडल कमिश्नर के आवास पहुंचे। यहां इन्होंने अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन उन्हें सौंपा।
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