JBT केस में सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा फिर लगभग दो महीने से पहले केस
निपटाने के लिए कहा। उम्मीद है दोबारा फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की
धज्जियाँ उडेगी और फिर से न्यायपालिका शर्मसार होगी ।
सुप्रीम कोर्ट की आज की अपडेट
सभी साथियों को नमस्कार
जैसा की आप सबको पता है कि आज अपने केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी ।
अपनी तरफ से सीनियर एडवोकेट श्री नरेंद्र हुड्डा व जूनियर एड्वोकेट सुरेंद्र हुड्डा और उनके साथ साथ सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रंजन गोगोई के पुत्र रन्तिम गोगोई भी बेंच के सामने पेश हुए । अपने इस केस में अचयनित साथियो की तरफ से केविएट भी लगी हुई थी और अनसिलेक्टेड साथियों की तरफ से भी सीनियर एडवोकेट देवेंद्र लूथरा पेश हुए थे ।
आज की कारवाई की शुरुआत करते हुए अपने एड्वोकेट श्री नरेंद्र हुड्डा जी ने बेंच के सामने तमाम तथ्य रखे जिस पर विपक्षी वकील लूथरा ने कहा की आप मेरिट पर बहस करवाइए तो हमारे वकील नरेंद्र हुड्डा जी ने भी कहा कि आप बहस करवाओ हम भी तैयार हैं ।
लेकिन जज महोदय ने कहा कि अंतरिम ऑर्डर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बहस नहीं हो सकती इसलिए हमने पहले भी हाईकोर्ट को 2 महीने का डायरेक्शन किया था लेकिन किन्हीं कारणों से वह केस का हल नहीं कर पाए इसलिए दोबारा इस केस में specific डायरेक्शन बनती है तो पहले जज महोदय ने 8 सप्ताह की direction देने को कहा जिस पर हमारे वकील ने कहा कि 8 सप्ताह तो पहले की 2 महीने की तरह है और हाईकोर्ट में फिर से कुछ नहीं हुआ तो क्या होगा और यह भर्ती 2012 से बढ़ती चली आ रही है और अब 2017 में शिक्षा विभाग का नया सत्र भी जा रहा है तो इसलिए आप बिना देरी किये आने वाली 20 अप्रैल को अंतिम बहस और केस का निपटारा होने का आर्डर पास करे । इस पर जज साहिब ने कहा कि इतना हार्ड आर्डर करना against the rule है । लेकिन large number of vacancy को देखते हुए और इस केस की वर्तमान position को देखते हुए again हाई कोर्ट को direction करते है कि हाई कोर्ट की गर्मियों की छुटियो से पहले(before summer vacation)इस केस का निपटारा किया जाए । अभी लिखित आर्डर आना बाकी है ।
सुप्रीम कोर्ट की आज की अपडेट
सभी साथियों को नमस्कार
जैसा की आप सबको पता है कि आज अपने केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी ।
अपनी तरफ से सीनियर एडवोकेट श्री नरेंद्र हुड्डा व जूनियर एड्वोकेट सुरेंद्र हुड्डा और उनके साथ साथ सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रंजन गोगोई के पुत्र रन्तिम गोगोई भी बेंच के सामने पेश हुए । अपने इस केस में अचयनित साथियो की तरफ से केविएट भी लगी हुई थी और अनसिलेक्टेड साथियों की तरफ से भी सीनियर एडवोकेट देवेंद्र लूथरा पेश हुए थे ।
आज की कारवाई की शुरुआत करते हुए अपने एड्वोकेट श्री नरेंद्र हुड्डा जी ने बेंच के सामने तमाम तथ्य रखे जिस पर विपक्षी वकील लूथरा ने कहा की आप मेरिट पर बहस करवाइए तो हमारे वकील नरेंद्र हुड्डा जी ने भी कहा कि आप बहस करवाओ हम भी तैयार हैं ।
लेकिन जज महोदय ने कहा कि अंतरिम ऑर्डर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बहस नहीं हो सकती इसलिए हमने पहले भी हाईकोर्ट को 2 महीने का डायरेक्शन किया था लेकिन किन्हीं कारणों से वह केस का हल नहीं कर पाए इसलिए दोबारा इस केस में specific डायरेक्शन बनती है तो पहले जज महोदय ने 8 सप्ताह की direction देने को कहा जिस पर हमारे वकील ने कहा कि 8 सप्ताह तो पहले की 2 महीने की तरह है और हाईकोर्ट में फिर से कुछ नहीं हुआ तो क्या होगा और यह भर्ती 2012 से बढ़ती चली आ रही है और अब 2017 में शिक्षा विभाग का नया सत्र भी जा रहा है तो इसलिए आप बिना देरी किये आने वाली 20 अप्रैल को अंतिम बहस और केस का निपटारा होने का आर्डर पास करे । इस पर जज साहिब ने कहा कि इतना हार्ड आर्डर करना against the rule है । लेकिन large number of vacancy को देखते हुए और इस केस की वर्तमान position को देखते हुए again हाई कोर्ट को direction करते है कि हाई कोर्ट की गर्मियों की छुटियो से पहले(before summer vacation)इस केस का निपटारा किया जाए । अभी लिखित आर्डर आना बाकी है ।
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