हाईकोर्ट अपडेट~ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने नवचयनित 9455 जेबीटी शिक्षकों की नियुक्ति पर लगाई रोक शुक्रवार को भी नहीं हटाई। इस नियुक्ति के लिए हुई परीक्षा में अंक देने में गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद भर्ती पर रोक लगाई गई थी।
हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा कि शिक्षक भर्ती बोर्ड भंग था तो इस परीक्षा का रिजल्ट तैयार करने में प्रयोग में लाए गए कंप्यूटर किसको सौंपे गए थे।
इस मामले पर शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन भी सुनवाई हुई। हरियाणा सरकार की अाेर से भर्ती को निष्पक्ष बताया गया। लेकिन, खंडपीठ ने नियुक्तियों पर लगी रोक नहीं हटाई।
सरकार की तरफ से बताया गया कि भर्ती में किसी भी स्तर पर कोई गडबड़ी नहीं हुई है आैर सब कुछ नियमों
के तहत ही किया गया है। मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी।
हाई कोर्ट ने ये किए सवाल
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सरकारी पक्ष से यह पूछा कि जब शिक्षक भर्ती बोर्ड भंग किया गया तब रिजल्ट तैयार करने में प्रयोग किए गए कंप्यूटर किसको सौंपे गए थे?
जब कंप्यूटर सौंपे गए तो क्या तब यह बताया गया था कि इनमें कौन सा रिकॉर्ड है? कंप्यूटर लेते समय क्या कंप्यूटर चेक किए गए कि इनमें क्या है?
खंडपीठ ने हरियाणा सरकार से यह भी पूछा कि पांच कंप्यूटर में से कौन सा मुख्य कंप्यूटर है? इस पर सरकारी पक्ष समुचित जवाब नहीं दे पाया। खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को जवाब देने का आदेश दिया।
खंडपीठ ने यह स्पष्ट किया कि केवल नियमित कर्मचारी ही जवाब दायर करें ठेके पर काम करने वाले कर्मचारी नहीं। खंडपीठ ने यह भी सवाल उठाया कि इतना महत्वपूर्ण डाटा होता हुए भी कंप्यूटर हैंडओवर करने में लापरवाही क्यों बरती गई? इसी के साथ मामले की सुनवाई बुधवार तक स्थगित कर दी गई।
हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा कि शिक्षक भर्ती बोर्ड भंग था तो इस परीक्षा का रिजल्ट तैयार करने में प्रयोग में लाए गए कंप्यूटर किसको सौंपे गए थे।
इस मामले पर शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन भी सुनवाई हुई। हरियाणा सरकार की अाेर से भर्ती को निष्पक्ष बताया गया। लेकिन, खंडपीठ ने नियुक्तियों पर लगी रोक नहीं हटाई।
सरकार की तरफ से बताया गया कि भर्ती में किसी भी स्तर पर कोई गडबड़ी नहीं हुई है आैर सब कुछ नियमों
के तहत ही किया गया है। मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी।
हाई कोर्ट ने ये किए सवाल
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सरकारी पक्ष से यह पूछा कि जब शिक्षक भर्ती बोर्ड भंग किया गया तब रिजल्ट तैयार करने में प्रयोग किए गए कंप्यूटर किसको सौंपे गए थे?
जब कंप्यूटर सौंपे गए तो क्या तब यह बताया गया था कि इनमें कौन सा रिकॉर्ड है? कंप्यूटर लेते समय क्या कंप्यूटर चेक किए गए कि इनमें क्या है?
खंडपीठ ने हरियाणा सरकार से यह भी पूछा कि पांच कंप्यूटर में से कौन सा मुख्य कंप्यूटर है? इस पर सरकारी पक्ष समुचित जवाब नहीं दे पाया। खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को जवाब देने का आदेश दिया।
खंडपीठ ने यह स्पष्ट किया कि केवल नियमित कर्मचारी ही जवाब दायर करें ठेके पर काम करने वाले कर्मचारी नहीं। खंडपीठ ने यह भी सवाल उठाया कि इतना महत्वपूर्ण डाटा होता हुए भी कंप्यूटर हैंडओवर करने में लापरवाही क्यों बरती गई? इसी के साथ मामले की सुनवाई बुधवार तक स्थगित कर दी गई।
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