असिस्टेंट प्रोफेसर्स की भर्ती में देरी पर हाईकोर्ट सख्त, आदेशों की अवमानना करने पर 30 मार्च तक माँगा स्पष्टीकरण।
* अवमानना की कारवाई से बचने के लिए एचपीएससी ने 16 फ़रवरी को ही भर्ती विज्ञापन जारी किया।
* कॉलेज कैडर के असिस्टेंट प्रोफेसर्स की रेगुलर नियुक्ति के लिए 1647 पदों का विज्ञापन जारी कर भर्ती पूरी करने के लिए एचपीएससी ने माँगा 10 महीने का समय। हाईकोर्ट खफा।
चंडीगढ़: प्रदेशों के विभिन्न कॉलेजों में गैस्ट लेक्चरर्स के सहारे काम चला रहे हायर एजुकेशन विभाग हरियाणा ने हाईकोर्ट के 10 फ़रवरी 2014 के आदेशों की अवमानना से बचने के लिए तेजी दिखाते हुए भले ही 1647 पदों पर रेगुलर असिस्टेंट प्रोफेसर्स की भर्ती के लिए प्रस्ताव हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन को भेज दिया हो और उस पर एचपीएससी ने 16 फ़रवरी को सुबह 1647 पदों पर रेगुलर भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया हो लेकिन मंगलवार को हाईकोर्ट इससे संतुष्ट नहीं हुआ। गौरतलब है कि इन पदों पर रेगुलर भर्ती की मांग को ले कर सिरसा निवासी राकेश कुमार द्वारा वर्ष 2011 में याचिका दायर की गई थी जिस पर हाईकोर्ट की जस्टिस ए.जी. मसीह की बेंच ने 10 फ़रवरी 2014 को फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट आदेश दिया था कि कॉलेज
कैडर के असिस्टेंट प्रोफेसर्स के पदों पर कार्यरत गैस्ट लेक्चरर्स की जगह रेगुलर असिस्टेंट प्रोफेसर्स की भर्ती की जाए। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी सख्त निर्देश दिया था कि 15 नवम्बर 2014 तक एचपीएससी भर्ती प्रक्रिया पूरी करके इन पदों के लिए चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर्स की रिकमेंडेशन लिस्ट हायर एजुकेशन विभाग हरियाणा को भेज दे और हायर एजुकेशन विभाग 31 दिसम्बर 2014 तक नियुक्ति देने का काम पूरा करे। लेकिन हाईकोर्ट के आदेशों की अब तक भी पालना न हो पाई।
हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद कॉलेज कैडर में असिस्टेंट प्रोफेसर्स की तय समयसीमा में रेगुलर भर्ती न करने पर फतेहाबाद जिले के ढाणी गोपाल निवासी सुनील कुमार कड़वासरा ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता जगबीर मलिक के माध्यम से 1 अप्रैल 2015 को अवमानना याचिका दाखिल की जिसका हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लेते हुए अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। इसी अवमानना मामले की मंगलवार को जस्टिस महेश ग्रोवर की बेंच में सुनवाई के मद्देनजर एचपीएससी ने 16 फ़रवरी को सुबह ही कॉलेज कैडर की 1647 रेगुलर असिस्टेंट प्रोफेसर्स की भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया। मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान एचपीएससी ने कोर्ट को बताया कि रेगुलर भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया गया है और 10 महीनों में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए चाहिए। जिस पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। 2011 से अब तक अर्थात 5 साल तक रेगुलर भर्ती न करना जानबूझ कर की गई देरी की मंशा इंगित करता है। हाईकोर्ट सरकार व कमीशन की और से दिए गए जवाब से बिल्कुल भी सन्तुष्ट नहीं हुआ और 30 मार्च तक यह स्पष्टीकरण देने को कहा कि हाईकोर्ट के 10 फ़रवरी 2014 के आदेशों की पालना न करने पर क्यों न अवमानना की कारवाई की जाए।
* अवमानना की कारवाई से बचने के लिए एचपीएससी ने 16 फ़रवरी को ही भर्ती विज्ञापन जारी किया।
* कॉलेज कैडर के असिस्टेंट प्रोफेसर्स की रेगुलर नियुक्ति के लिए 1647 पदों का विज्ञापन जारी कर भर्ती पूरी करने के लिए एचपीएससी ने माँगा 10 महीने का समय। हाईकोर्ट खफा।
चंडीगढ़: प्रदेशों के विभिन्न कॉलेजों में गैस्ट लेक्चरर्स के सहारे काम चला रहे हायर एजुकेशन विभाग हरियाणा ने हाईकोर्ट के 10 फ़रवरी 2014 के आदेशों की अवमानना से बचने के लिए तेजी दिखाते हुए भले ही 1647 पदों पर रेगुलर असिस्टेंट प्रोफेसर्स की भर्ती के लिए प्रस्ताव हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन को भेज दिया हो और उस पर एचपीएससी ने 16 फ़रवरी को सुबह 1647 पदों पर रेगुलर भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया हो लेकिन मंगलवार को हाईकोर्ट इससे संतुष्ट नहीं हुआ। गौरतलब है कि इन पदों पर रेगुलर भर्ती की मांग को ले कर सिरसा निवासी राकेश कुमार द्वारा वर्ष 2011 में याचिका दायर की गई थी जिस पर हाईकोर्ट की जस्टिस ए.जी. मसीह की बेंच ने 10 फ़रवरी 2014 को फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट आदेश दिया था कि कॉलेज
कैडर के असिस्टेंट प्रोफेसर्स के पदों पर कार्यरत गैस्ट लेक्चरर्स की जगह रेगुलर असिस्टेंट प्रोफेसर्स की भर्ती की जाए। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी सख्त निर्देश दिया था कि 15 नवम्बर 2014 तक एचपीएससी भर्ती प्रक्रिया पूरी करके इन पदों के लिए चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर्स की रिकमेंडेशन लिस्ट हायर एजुकेशन विभाग हरियाणा को भेज दे और हायर एजुकेशन विभाग 31 दिसम्बर 2014 तक नियुक्ति देने का काम पूरा करे। लेकिन हाईकोर्ट के आदेशों की अब तक भी पालना न हो पाई।
हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद कॉलेज कैडर में असिस्टेंट प्रोफेसर्स की तय समयसीमा में रेगुलर भर्ती न करने पर फतेहाबाद जिले के ढाणी गोपाल निवासी सुनील कुमार कड़वासरा ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता जगबीर मलिक के माध्यम से 1 अप्रैल 2015 को अवमानना याचिका दाखिल की जिसका हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लेते हुए अवमानना का नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। इसी अवमानना मामले की मंगलवार को जस्टिस महेश ग्रोवर की बेंच में सुनवाई के मद्देनजर एचपीएससी ने 16 फ़रवरी को सुबह ही कॉलेज कैडर की 1647 रेगुलर असिस्टेंट प्रोफेसर्स की भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया। मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान एचपीएससी ने कोर्ट को बताया कि रेगुलर भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया गया है और 10 महीनों में भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए चाहिए। जिस पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। 2011 से अब तक अर्थात 5 साल तक रेगुलर भर्ती न करना जानबूझ कर की गई देरी की मंशा इंगित करता है। हाईकोर्ट सरकार व कमीशन की और से दिए गए जवाब से बिल्कुल भी सन्तुष्ट नहीं हुआ और 30 मार्च तक यह स्पष्टीकरण देने को कहा कि हाईकोर्ट के 10 फ़रवरी 2014 के आदेशों की पालना न करने पर क्यों न अवमानना की कारवाई की जाए।
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