उमेश भार्गव, अंबाला
पढ़े लिखे युवाओं के लिए करियर का चुनाव जटिल प्रश्न होता है लेकिन जब विकल्प एक तक ही सीमित हो जाए तो समस्या और भी जटिल हो जाती है। कुछ ऐसा ही हुआ रविवार को प्रदेशभर के हजारों परीक्षाíथयों के साथ। हजारों परीक्षार्थी ऐसे ही तिराहे पर खड़े थे जहां से उन्हें करियर के तीन विकल्पों में से महज एक को चुनना था। अलबत्ता किसी ने मैट तो किसी ने टीजीटी और किसी ने पीएचडी का इम्तिहान दिया। नतीजन टीजीटी में 41 फीसद से भी कम उपस्थिति दर्ज की गई तो पीएचडी की प्रवेश परीक्षा में 80 फीसद उपस्थिति रही। वहीं मैट की परीक्षा के लिए महज 150 विद्याíथयों ने ही आवेदन किया था। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि लापरवाह सिस्टम ने प्रदेशभर के परीक्षाíथयों का शेड्यूल बिगाड़ कर रख दिया। तीनों परीक्षाओं के लिए मात्र चार जिलों की ही चुनाव किया गया था। इसीलिए परीक्षार्थी इधर-उधर बंट गए और परीक्षा देने नहीं पहुंचे तो कुछ ने पूर्व में ही इस बात का अंदाजा लगाते हुए फार्म भरना ही उचित नहीं
समझा। दरअसल रविवार को प्रदेशभर में दो प्रदेशस्तरीय परीक्षाएं और एक आल इंडिया लेवल की परीक्षा आयोजित की गई थी। इनमें से मैट की परीक्षा अंबाला और गुड़गांव में कराई गई जबकि और टीजीटी की परीक्षा अंबाला, पानीपत में संपन्न हुई। इसी तरह कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में 43 विभिन्न विषयों के लिए पीएचडी की प्रवेश प्रवेश कराई गई। तीनों की परीक्षाएं सभी परीक्षार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी और तीनों को एक दिन एक ही समय में दिया जा पाना किसी भी परीक्षार्थी के लिए संभव नहीं था। इसी लिए किसी ने कोई विकल्प चुना तो किसी ने कोई। पीएचडी की परीक्षा के लिए आवेदन जनवरी में ही मांगे गए थे अलबत्ता यहां पर भी टीजीटी में आवेदन करने वालों ने आवेदन कर दिया। यही कारण रहा की किसी परीक्षा में उम्मीद से कम परीक्षार्थी पहुंचे तो किसी परीक्षा में आवेदन करने वालों की संख्या की गत वर्षों के मुकाबले आधी रही। टीजीटी की परीक्षा में अंबाला जिले में प्रदेशभर के करीब 15 हजार 481 परीक्षाíथयों को रोल नंबर जारी हुए थे। लेकिन परीक्षा देने केवल छह हजार 319 परीक्षाíथयों ने ही दी। पीएचडी की परीक्षा के लिए कुवि ने 2407 परीक्षाíथयों को रोल नंबर जारी किया था। लेकिन इनमें से करीब 1983 ने परीक्षा दी और 483 गैर हाजिर रहे। कुवि में पीएचडी की परीक्षा एक बजे संपन्न हो गई थी। शायद यही कारण रहा कि अंबाला में हुई टीजीटी की सायंकालीन परीक्षा जो दोपहर तीन बजे शुरू हुई में परीक्षाíथयों की उपस्थिति सुबह के सत्र में हुई टीजीटी की परीक्षा से करीब एक प्रतिशत अधिक रही। ऑल इंडिया लेवल की मैट की परीक्षा में भी महज 150 परीक्षाíथयों ने ही आवेदन किया था जबकि हर वर्ष इस सत्र में यह आंकड़ा 300 को छू जाता है।
समझा। दरअसल रविवार को प्रदेशभर में दो प्रदेशस्तरीय परीक्षाएं और एक आल इंडिया लेवल की परीक्षा आयोजित की गई थी। इनमें से मैट की परीक्षा अंबाला और गुड़गांव में कराई गई जबकि और टीजीटी की परीक्षा अंबाला, पानीपत में संपन्न हुई। इसी तरह कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में 43 विभिन्न विषयों के लिए पीएचडी की प्रवेश प्रवेश कराई गई। तीनों की परीक्षाएं सभी परीक्षार्थियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी और तीनों को एक दिन एक ही समय में दिया जा पाना किसी भी परीक्षार्थी के लिए संभव नहीं था। इसी लिए किसी ने कोई विकल्प चुना तो किसी ने कोई। पीएचडी की परीक्षा के लिए आवेदन जनवरी में ही मांगे गए थे अलबत्ता यहां पर भी टीजीटी में आवेदन करने वालों ने आवेदन कर दिया। यही कारण रहा की किसी परीक्षा में उम्मीद से कम परीक्षार्थी पहुंचे तो किसी परीक्षा में आवेदन करने वालों की संख्या की गत वर्षों के मुकाबले आधी रही। टीजीटी की परीक्षा में अंबाला जिले में प्रदेशभर के करीब 15 हजार 481 परीक्षाíथयों को रोल नंबर जारी हुए थे। लेकिन परीक्षा देने केवल छह हजार 319 परीक्षाíथयों ने ही दी। पीएचडी की परीक्षा के लिए कुवि ने 2407 परीक्षाíथयों को रोल नंबर जारी किया था। लेकिन इनमें से करीब 1983 ने परीक्षा दी और 483 गैर हाजिर रहे। कुवि में पीएचडी की परीक्षा एक बजे संपन्न हो गई थी। शायद यही कारण रहा कि अंबाला में हुई टीजीटी की सायंकालीन परीक्षा जो दोपहर तीन बजे शुरू हुई में परीक्षाíथयों की उपस्थिति सुबह के सत्र में हुई टीजीटी की परीक्षा से करीब एक प्रतिशत अधिक रही। ऑल इंडिया लेवल की मैट की परीक्षा में भी महज 150 परीक्षाíथयों ने ही आवेदन किया था जबकि हर वर्ष इस सत्र में यह आंकड़ा 300 को छू जाता है।
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