सरकारी कामकाज में तेजी लाने के प्रयास में केंद्र की मोदी सरकार नौकरशाही को सक्रीय करने का हर हथकंडा अपनाने के मूड में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जरिए राजस्व विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाने के बाद सरकार अब 55 साल से ज्यादा के हो चुके अधिकारियों के कामकाज का डाटा जुटा रही है।
काम का प्रदर्शन ठीक न होने पर अधिकारियों की छुट्टी हो सकती है। उन्हें स्वैछिक सेवानिवृति को कहा जा सकता है। बताया जा रहा है कि बिहार चुनाव से पहले भी सरकार की ओर इस तरह की कोशिश हुई थी। मगर चुनाव में बवाल कटने के वजह से सरकार ने अपने प्रयास धीमे कर दिए थे।
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र ने बीते सितंबर में विभिन्न विभागों के प्रमुखों को पत्र भेजकर अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा के निर्देश भी दिए थे। लेकिन केंद्र सरकार दोबारा से इस प्रयास में जुट गई है। मामले को लेकर इस दफे पीएमओ का रूख बेहद सख्त है। सूत्र बताते हैं कि कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा ने इस आशय की सूचना सभी मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों को दे दी है।
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