पहली बार बायोमीट्रिक से हाजिरी के बाद हुई परीक्षा
अंबाला : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की द सेंट्रल रिक्रूटमेंट एजेंसी की ओर से रविवार को लिपिक पद के लिए लिखित परीक्षा ली गई। प्रदेश में पहली बार पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की किसी परीक्षा में परीक्षार्थियों की हाजिरी बायोमीट्रिक मशीन में दर्ज की गई। हालांकि रजिस्टर में भी हाजिरी दर्ज की गई ताकि नतीजों के बाद परीक्षार्थियों के हस्ताक्षरों का भी मिलान कराया जा सके। साथ ही पूरी परीक्षा सीसीटीवी कैमरों में भी रिकार्ड की गई।
परीक्षा केंद्रों पर नकल रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए हाइकोर्ट द सेंट्रल रिक्रूटमेंट एजेंसी की ओर सीसीटीवी कैमरे, वीडियोग्राफी और बायोमीट्रिक मशीनों में हाजिरी लगाने के लिए पहली बार प्रयोग किया
गया था। सूत्रों के मुताबिक चंडीगढ़ में एक बार बायोमीट्रिक प्रणाली का प्रयोग एक परीक्षा के दौरान किया गया था लेकिन उसके बाद इस प्रकिया का प्रयोग अन्य किसी परीक्षा में नहीं किया था। ऐसे में अब लिपिक पद के लिए ली गई परीक्षा में इसका प्रयोग किया गया। हालांकि बायोमीट्रिक हाजिरी दर्ज करवाने के लिए एजेंसी की ओर से एक निजी कंपनी को इसका ठेका भी दिया गया था।
वर्जन..
परीक्षा में पारदर्शिता लाने के लिए यह प्रयोग हुआ है। इसके अलावा कक्षाओं में परीक्षाओं को सीसीटीवी कैमरों में भी कैद किया गया है ताकि किसी भी प्रकार की नकल न हो सके।
डॉ. अब्दुल माजिद, एडिशनल सेशन जज, अंबाला।
अंबाला : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की द सेंट्रल रिक्रूटमेंट एजेंसी की ओर से रविवार को लिपिक पद के लिए लिखित परीक्षा ली गई। प्रदेश में पहली बार पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की किसी परीक्षा में परीक्षार्थियों की हाजिरी बायोमीट्रिक मशीन में दर्ज की गई। हालांकि रजिस्टर में भी हाजिरी दर्ज की गई ताकि नतीजों के बाद परीक्षार्थियों के हस्ताक्षरों का भी मिलान कराया जा सके। साथ ही पूरी परीक्षा सीसीटीवी कैमरों में भी रिकार्ड की गई।
परीक्षा केंद्रों पर नकल रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए हाइकोर्ट द सेंट्रल रिक्रूटमेंट एजेंसी की ओर सीसीटीवी कैमरे, वीडियोग्राफी और बायोमीट्रिक मशीनों में हाजिरी लगाने के लिए पहली बार प्रयोग किया
गया था। सूत्रों के मुताबिक चंडीगढ़ में एक बार बायोमीट्रिक प्रणाली का प्रयोग एक परीक्षा के दौरान किया गया था लेकिन उसके बाद इस प्रकिया का प्रयोग अन्य किसी परीक्षा में नहीं किया था। ऐसे में अब लिपिक पद के लिए ली गई परीक्षा में इसका प्रयोग किया गया। हालांकि बायोमीट्रिक हाजिरी दर्ज करवाने के लिए एजेंसी की ओर से एक निजी कंपनी को इसका ठेका भी दिया गया था।
वर्जन..
परीक्षा में पारदर्शिता लाने के लिए यह प्रयोग हुआ है। इसके अलावा कक्षाओं में परीक्षाओं को सीसीटीवी कैमरों में भी कैद किया गया है ताकि किसी भी प्रकार की नकल न हो सके।
डॉ. अब्दुल माजिद, एडिशनल सेशन जज, अंबाला।
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