नई दिल्ली (एएनआई)। मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के लिए प्रवेश परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला लिया है। इस साल से देश भर के मेडिकल कॉलेंजों में प्रवेश के लिए एक कॉमन एंट्रेंस परीक्षा 'निट' का अायोजन होगा।
अब 1 मई को होने वाली एआइपीएमटी की परीक्षा भी निट के नाम से ही होगी और इसका दूसरा चरण 24 जुलाई को होगा, नतीजे 17 अगस्त तक आएंगे। निट के 1 मई के पहले चरण् में करीब छ: लाख छात्र शामिल होंगे और 24 जुलाई को दूसरे चरण में करीब 2 लाख छात्र अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
इससे पहले आज कोर्ट के आदेश पर सीबीएसई ने इस सत्र के लिए परीक्षा के आयोजन की तिथि को कोर्ट में पेश किया। सीबीएसई ने दो फेज के तहत परीक्षा का प्रस्ताव दिया। पहला फेज 1 मई और दूसरा 24 जुलाई को होगा और इसके रिजल्ट की घोषणा 17 अगस्त को होगी। कोर्ट ने सीबीएसई से परीक्षा का प्रस्तावित शेड्यूल
कोर्ट में पेश करने को कहा था। कई राज्यों व प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों ने इस वर्ष निट परीक्षा का विरोध किया है।
राज्य सरकारों व प्राइवेट कॉलेजों की ओर से चलाए जा रहे मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए लाखों छात्र तैयारी करते हैं। इन प्रवेश परीक्षाओं का मौसम 1 मई से शुरू हो जाता है जब सीबीएसई की ओर से प्री-मेडिकल व प्री-डेंटल एंट्रेंस एग्जाम आयोजित किया जाता है। इसके बाद 5 मई को महाराष्ट्र सीइटी, 8 मई को कर्नाटक के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों द्वारा प्रवेश परीक्षा ली जाती है। इसके अतिरिक्त और भी प्रवेश परीक्षा का आयोजन होता है इसमें एक एम्स की ओर से भी आयोजित की जाती है।
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एनजीओ संकल्प चैरिटेबल ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इसी वर्ष से निट परीक्षा कराने का आदेश मांगा था। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एआर दवे की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही है।
विभिन्न मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के लिए लाखों छात्र तैयारी करते हैं 400 कॉलेजों में होने वाले मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में एमबीबीएस के लिए 52,000 सीट से अधिक उपलब्ध है।
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