जेबीटी नियुक्ति मामला: हाई कोर्ट का आदेश- दो सप्ताह में जांच रिपोर्ट दे एफएसएल
जेएनएन, चंडीगढ़। हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद मधुबन स्थित फोरेंसिक लैब में हस्ताक्षर की जांच लंबित होने के कारण करीब 500 जेबीटी शिक्षकों की नियुक्ति अटकी हुई है। इस मामले में बिजेंद्र कुमार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी,
जिस पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने एफएसएल मधुबन को दो सप्ताह में जांच पूरी करने का आदेश दिया। साथ ही स्पष्ट किया कि अगर दो सप्ताह में जांच पूरी कर रिपोर्ट नहीं दी गई तो आगामी तारीख पर
एफएसएल मधुबन के निदेशक को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होना पड़ेगा।
गौरलतब है कि शिक्षा विभाग द्वारा 9455 चयनित जेबीटी शिक्षकों में से 1067 शिक्षकों की नियुक्ति विभिन्न कारणों से होल्ड पर है। इनमें से करीब 500 जेबीटी की नियुक्ति हस्ताक्षर की जांच रिपोर्ट मधुबन स्थित फोरेंसिक साइंस लैब से नहीं मिलने के कारण लंबित है।
हाई कोर्ट द्वारा 5 अगस्त 2015 को अपने आदेश में 10 सप्ताह में जांच पूरी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं दी गई।
शुक्रवार को जस्टिस दया चौधरी की बेंच के समक्ष अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष की ओर से बताया गया कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है। इस पर याची के वकील जगबीर मलिक ने बेंच को बताया कि जांच रिपोर्ट देने में पहले ही बहुत देरी हो चुकी है और इस कारण 500 चयनित जेबीटी की नियुक्ति अटकी हुई है।
इस पर जस्टिस दया चौधरी की बेंच ने सख्त रुख अपनाते हुए एफएसएल मधुबन को दो सप्ताह में जांच पूरी करने का आदेश दिया।
जेएनएन, चंडीगढ़। हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद मधुबन स्थित फोरेंसिक लैब में हस्ताक्षर की जांच लंबित होने के कारण करीब 500 जेबीटी शिक्षकों की नियुक्ति अटकी हुई है। इस मामले में बिजेंद्र कुमार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी,
जिस पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने एफएसएल मधुबन को दो सप्ताह में जांच पूरी करने का आदेश दिया। साथ ही स्पष्ट किया कि अगर दो सप्ताह में जांच पूरी कर रिपोर्ट नहीं दी गई तो आगामी तारीख पर
एफएसएल मधुबन के निदेशक को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होना पड़ेगा।
गौरलतब है कि शिक्षा विभाग द्वारा 9455 चयनित जेबीटी शिक्षकों में से 1067 शिक्षकों की नियुक्ति विभिन्न कारणों से होल्ड पर है। इनमें से करीब 500 जेबीटी की नियुक्ति हस्ताक्षर की जांच रिपोर्ट मधुबन स्थित फोरेंसिक साइंस लैब से नहीं मिलने के कारण लंबित है।
हाई कोर्ट द्वारा 5 अगस्त 2015 को अपने आदेश में 10 सप्ताह में जांच पूरी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं दी गई।
शुक्रवार को जस्टिस दया चौधरी की बेंच के समक्ष अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष की ओर से बताया गया कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है। इस पर याची के वकील जगबीर मलिक ने बेंच को बताया कि जांच रिपोर्ट देने में पहले ही बहुत देरी हो चुकी है और इस कारण 500 चयनित जेबीटी की नियुक्ति अटकी हुई है।
इस पर जस्टिस दया चौधरी की बेंच ने सख्त रुख अपनाते हुए एफएसएल मधुबन को दो सप्ताह में जांच पूरी करने का आदेश दिया।
No comments:
Post a Comment